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हमला चाहे जैसा होगा, हाथ हमारा नहीं उठेगा.
लाठी गोली खायेंगे, भ्रष्टाचार मिटाएँगे.
भ्रष्टाचार को मिटाना है, नया भारत बनाना है.
जैसे झूठ बोलने वाला आदमी अपने एक झूठ को छिपाने के लिए एक सौ झूठ बोलता है, लगता है ठीक वही हाल केंद्र सरकार की भी हो गई है. केंद्र सरकार अपनी गलती को छिपाने के लिए बार-बार गलती करती जा रही है. अन्ना हजारे को गिरफ्तार करने से आन्दोलन रुकेगा नहीं बल्कि और भरकेगा ही. ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को कोई भी निर्णय सोच समझ कर लेनी चाहिए और खासकर अन्ना हजारे को गंभीरता से लेनी चाहिए. अन्ना हजारे के इस भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन में पूरे देश उनके साथ है. देश के आम लोग बहुत दिनों से अन्ना हजारे जैसे ईमानदार नेता को खोज रहे थे. संयोगवश देर से सही लोगों को अन्ना हजारे के रूप में एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, सुयोग्य और कर्मठ नेता मिल गया है. ऐसी परिस्थिति में केंद्र सरकार को अन्ना हजारे के आन्दोलन को रोकने के बजाय, अन्ना हजारे के मांग पर गंभीरता पूर्वक और सकारात्मक विचार करना चाहिए. क्योंकि अन्ना की मांग अब देश की मांग बन चुकी है. अन्ना ने लोगों को जगा दिया है. लोग सिर्फ जगे ही नहीं हैं बल्कि संगठित भी हो चुके हैं. ऐसे में अब ज्यादा देर तक देश के लोगों के इस मांग को दबा पाना संभव नहीं होगा.
जो भ्रष्टाचार को समाप्त करेगा, वही देश पर राज करेगा.
अन्ना के आन्दोलन को रुकने नहीं देंगे, भ्रष्टाचार को अब टिकने नहीं देंगे.
भारतवासियों का है एक ही सपना, भ्रष्टाचार मुक्त हो भारत अपना.
सरोज चौधरी
बिरौल, दरभंगा
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