Menu
blogid : 6100 postid : 181

बलात्कारियों को चौक-चौराहों पर हो फांसी

Saroj Chaudhary
Saroj Chaudhary
  • 165 Posts
  • 30 Comments

वर्त्तमान में महिलाओं के साथ बलात्कार देश की प्रमुख समस्याओं में सबसे भयावह रूप ले लिया है. सरकार महिलाओं को सुरक्षा मुहैया करवाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है. सभी सरकारी तंत्र मजबूर और लाचार दिख रही है. लोकतंत्र, कानून का राज और मानवता की रक्षा हर कीमत पर होनी चाहिए. यदि सरकार आम लोगों को “गुड गवर्नेंस” नहीं दे पाती है, तो उसे असफल लोकतंत्र ही कहा जाएगा. जब तक सरकार के सभी तंत्र ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाएँगे तब तक आम जनता असुरक्षित ही रहेंगे. देश में कानून ऐसा बने कि बालात्कारियों को फांसी से कम कुछ न हो. खास कर दिल्ली में पांच साल की गुडिया के साथ जो कुछ हुआ है, ऐसी घटनाओं में तो दरिंदो को जल्द-से-जल्द सरेआम चौक-चौराहों पर फांसी पर लटकाने का प्रावधान होना चाहिए ताकि इस तरह की अमानवीय घटना करने वालों का रूह काँप जाए. परन्तु सिर्फ कानून बना देने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा. कानून तो बने ही, साथ ही उसको अमल में लाने पर भी पूरा जोर होना चाहिए. जिस थाना क्षेत्र में ऐसी घटना घटती है, वहां के प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी इसके लिए जिम्मेदार बनाना चाहिए. सिर्फ निलंबन और विभागीय कारवाई से काम नहीं चलेगा. वहां के पुलिस पदाधिकारियों पर भी प्राथमिकी दर्ज होना चाहिए. दिन हो या रात पुलिस गश्त तेज होना चाहिए. अब समय आ गया है जब हमें अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए. बड़ी सीमाएँ शासन में परेशानी पैदा करती है. हमें थाना, जिला और राज्यों की सीमाएँ छोटी करने पर भी विचार करना चाहिए. छोटे राज्यों के गठन से न सिर्फ आर्थिक विकास को गति मिलती है बल्कि प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से भी यह बेहतर परिणाम दे सकता है. इतिहास साक्षी है, जब-जब राज्यों का विभाजन हुआ है, तब-तब विकास की गति तो तेज हुई ही है, साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था भी चुस्त-दुरुस्त हुआ है. बेतहाशा बढ़ रही देश की आबादी को रोकने के दिशा में भी ठोस और निर्णायक कदम उठाने होंगे. अशिक्षा, गरीबी और बेरोजगारी ख़त्म करने पर भी हमें पूरा जोर देना होगा.

सरोज चौधरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply