- 165 Posts
- 30 Comments
“हमारा तो है बस एक ही सपना- पूर्ण शिक्षित, पूर्ण विकसित एवं शक्तिशाली हो मातृभूमि अपना।”
“हम जाति-धर्म में नहीं बटेंगे- पीड़ित मानवता की सेवा करेंगे।”
बिहार एक विशाल आबादी वाला राज्य है, परन्तु आबादी के बहुत बड़े हिस्से को आज भी स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी केंद्र और राज्य की सरकार उपलब्ध नहीं करा पायी है। आमजनों को स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी समस्याओं तथा महँगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अशिक्षा, गरीबी, पिछड़ापन, जातिवाद, सम्प्रदायवाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, बाढ़-सुखाड़, असुरक्षा, असमानता, पलायन, अफसरशाही, चोरी, डकैती, हत्या, बलात्कार, अपहरण, किसान, गरीब एवं मजदूरों की समस्या के साथ-साथ बेहद ख़राब क़ानून व्यवस्था से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ही “मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा” का गठन किया गया है।
जगत जननी जानकी माता की पावन धरती बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस पवित्र भूमि पर जन्म लेकर हमलोग अपने आप को गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहे हैं। परन्तु सरकारी उदासीनता के कारण जिन समस्याओं से हमारे पूर्वजों को जूझना पड़ा और हम सब जूझ रहे हैं, कम-से-कम उन समस्याओं से हमारे आने वाली पीढ़ियों को हमारे बच्चों को नहीं जूझना पड़े, इसके लिए हमलोगों को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।
आखिर कब तक हमलोग दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों पर निर्भर रहेंगे और पलायन का दंश झेलते रहेंगे? हमें ऐसा बिहार बनाने का प्रयास क्यों नहीं करना चाहिए, जहाँ हम न सिर्फ अपने बच्चों को, बल्कि दूसरे राज्य के लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकें? अपना परिवार, गांव और समाज को छोड़कर बाहर जानेवालों को किन-किन परेशानियों से जूझना पड़ता है ये हम सब जानते हैं। हमें इन परिस्थितियों को बदलना होगा।
बिहार को इस बेहद ख़राब स्थिति से निकालने के लिए नई सोच और नए नजरिये वाले नेताओं की जरूरत है, जो बिहार को न सिर्फ पूर्ण शिक्षित, पूर्ण विकसित और शक्तिशाली राज्य बना सके, बल्कि बेस्ट राज्य के साथ-साथ भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य भी बना सके।
जाहिर है, इसके लिए हमें संकीर्णता को त्याग कर उदारता को अपनाना होगा। हमें जाति और धर्म के दल-दल से बाहर निकलकर एक ऐसे नेता को तलाशना होगा जो न सिर्फ कर्मठ, योग्य और ईमानदार हो, बल्कि बिहार को समृद्धशाली राज्य बनाने का सोच भी रखता हो।
वर्त्तमान में बिहार में कार्यरत जितने भी राजनैतिक दल हैं उनका सोच और नजरिया हमलोगों के सामने है। वे अपने सोच और नजरिये से जितना कर सकते थे, कर चुके हैं। ये तमाम दल अपने वही पुराने सोच और नजरिये के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं और सदा घूमते रहेंगे। जिसमे जाति, धर्म, अगड़ा, पिछड़ा, दलित, महादलित, आरोप-प्रत्यारोप, झूठे वादे और शब्दवाण के अलावा हम किसी बेहतर हालात की उम्मीद नहीं कर सकते।
यदि हमें आपका सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिला, तो हम इस दिशा में ठोस, निर्णायक और ईमानदार प्रयास जरूर करेंगे।
“आइये, मिलकर अभियान चलायें- बिहार को पूर्ण शिक्षित, पूर्ण विकसित एवं शक्तिशाली राज्य बनायें।”
जय हिन्द- जय भारत- जय बिहार। बहुत-बहुत धन्यवाद।
सरोज चौधरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा
Read Comments