Menu
blogid : 6100 postid : 1312031

शिक्षा हमें सोचना सिखाती है

Saroj Chaudhary
Saroj Chaudhary
  • 165 Posts
  • 30 Comments

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या कुन्देन्दु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता।
या वीणावर दंड मंडित करा या श्वेत पद्मासना।।
या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृतिभिः देवै सदा बंदिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा।।

विद्या, बुद्धि, विवेक और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती जी आपको सुख, शान्ति, विनम्रता और समृद्धि प्रदान करें। इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ श्री श्री १०८ सरस्वती पूजा महोत्सव की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएँ एवं ढ़ेर सारी बधाईयाँ।

मित्रों, शिक्षा हमें सोचना सिखाती है। जब तक हम दूसरों के सोच पर काम करते हैं तब तक दुःख ही पाते हैं। जब हम खुद सोचने लगते हैं तब सुख की अनुभूति होती है। शिक्षा आदमी को सर्वशक्तिमान बनाती है। शिक्षा न सिर्फ जीवन जीने के लिए जरुरी है, बल्कि शिक्षा ही जीवन है।

शिक्षा ऐसी हो जो हमें सोचना सिखाये, योग्य बनाये, रोजगार दिलाये, कर्तव्य और अधिकार का बोध कराये साथ ही समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार बनाये। जरा सोचिये क्या हमारे बच्चों को ऐसी शिक्षा मिल पा रही है?

हमारी आने वाली पीढ़ियों को अर्थात हमारे बच्चों को आधुनिक और सबसे बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए हमें गंभीर प्रयास करने होंगे।

शिक्षित बनें – विकसित बनें।

जो पढ़ेगा – वही बढ़ेगा।

बढ़ना है – तो पढ़ना होगा।

शब्दों को विराम – आप श्री को सादर जय सियाराम।

जय हिन्द – जय मिथिलांचल। बहुत-बहुत धन्यवाद।

सरोज चौधरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा

maa saraswati fb post

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply