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“हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।”
मिथिलांचल देश का सबसे पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। आजादी से लेकर आजतक जितनी भी सरकारें बनीं किसी ने मिथिलांचल के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास नहीं किया। हालत यह है कि मिथिलांचल के आमलोग आजतक बाढ़-सुखाड़, पलायन और बेरोजगारी जैसी अनेक ज्वलंत समस्याओं से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और पानी जैसी अनेक बुनियादी समस्याएं तो जस का तस है ही।
2014 के आम चुनाव में मिथिलांचलवासियों ने भाजपा को अपना बहुमूल्य वोट देकर, भारी मतों से जीताकर बड़ी आशा और उम्मीद के साथ केंद्र सरकार बनाने में अपना योगदान दिया था। परन्तु केंद्र की भाजपा नीति मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में आजतक मिथिलांचल के एक भी सांसद को मंत्री नहीं बनाया जाना न सिर्फ घोर निराशाजनक और चिंता का विषय है बल्कि केंद्र सरकार के द्वारा मिथिलांचल की लगातार हो रही उपेक्षा को भी दर्शाता है।
जबकि यदि वास्तव में केंद्र सरकार देश को पूर्ण शिक्षित, पूर्ण विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र बनाना चाहती है, तो मिथिलांचल जैसे पिछड़े क्षेत्रों का विकास करना ही होगा। क्योंकि जबतक मिथिलांचल जैसे पिछड़े क्षेत्रों का विकास नहीं होगा तब तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाना असंभव है।
हमें उम्मीद करना चाहिए कि केंद्र सरकार इस सन्दर्भ में गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए सकारात्मक एवं रचनात्मक पहल करेगी। ताकि मिथिलांचलवासियों को इन बुनियादी एवं ज्वलंत समस्याओं से मुक्ति मिल सके। यह व्यापक जनहित और राष्ट्रहित में होगा।
शब्दों को विराम – आपश्री को सादर जय सियाराम।
जय हिन्द – जय मिथिलांचल। बहुत – बहुत धन्यवाद।
सरोज चौधरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा
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